About Me

दरिया व पहाड़ो की मस्ती मुझे विरासत में मिली है। गंगा किनारे बसे शहर बनारस के पास मिर्ज़ापुर ज़िले के एक गावं बरेवां से पुरखों ने इस सफ़र की शुरूआत की। जो बहते बहते पहुंच गए सोन नदी के किनारे बसे राबर्ट्सगंज में । फिर वो वहीं के होकर रह गए। लेकिन मैंने रूकना कभी सीखा नहीं। बहते रहना- मेरी फितरत है, फक़ीरों की तरह। गंगा सागर में मिलने से बेहतर युमना किनारे बसे शहर दिल्ली में धुनी रमाना बेहतर समझा। जीने के लिए कलम का सहारा लिया। ज़माने को बदलना है- इस जज़्बे के साथ जूते घिस घिस कर अख़बारों और पत्र पत्रिकाओं में कलम घिसने की ठानी । ज़माना बदला हो या नहीं- ये पता नहीं। लेकिन इन दो साल में मैं ज़रूर बदल गया हूँ । बदलाव की शुरूआत हुई - अख़बारों की दुनिया में कदम रखने से । इस पत्रकारिता की दुनिया ने बार बार हाथ झटक दिया। लेकिन अब मैं थोड़ा डीठ हो चुका हूं। ख़ाल मोटी होने लगी है । पत्रकारिता और मेरे बीच मियां - बीवी जैसा रिश्ता क़ायम होने लगा है । कोशिश कर रहा हूं नाग नागिन के इस दौर में सार्थक पत्रकारिता करने की। कौन कहता है कि आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। बस हव्शाला बुलंद होने की देरी है

Monday, January 18, 2010

गर्भाधान ऋतुकाल की आठवी रात


प्रश्‍न : पुत्र प्राप्ति हेतु किस समय संभोग करें ?

उत्तर : इस विषय में आयुर्वेद में लिखा है कि गर्भाधान ऋतुकाल की आठवीं, दसवी और बारहवीं रात्रि को ही किया जाना चाहिए। जिस दिन मासिक ऋतुस्राव शुरू हो उस दिन व रात को प्रथम मानकर गिनती करना चाहिए। छठी, आठवीं आदि सम रात्रियाँ पुत्र उत्पत्ति के लिए और सातवीं, नौवीं आदि विषम रात्रियाँ पुत्री की उत्पत्ति के लिए होती हैं। इस संबंध में ध्यान रखें कि इन रात्रियों के समय शुक्ल पक्ष यानी चांदनी रात वाला पखवाड़ा भी हो, यह अनिवार्य है, यानी कृष्ण पक्ष की रातें हों।
प्रश्न : सहवास से विवृत्त होते ही पत्नी को तुरंत उठ जाना चाहिए या नहीं? उत्तर : सहवास से निवृत्त होते ही पत्नी को दाहिनी करवट से 10-15 मिनट लेटे रहना चाहिए, एमदम से नहीं उठना चाहिए। पर्याप्त विश्राम कर शरीर की उष्णता सामान्य होने के बाद कुनकुने गर्म पानी से अंगों को शुद्ध कर लें या चाहें तो स्नान भी कर सकते हैं, इसके बाद पति-पत्नी को कुनकुना मीठा दूध पीना चाहिए।


प्रश्न : संतान में सदृश्यता होने का क्या कारण होता है ?

उत्तर : संतान की रूप रेखा परिवार के किसी सदस्य से मिलती-जुलती होती है, यह कारण वंशानुगत होता है। माता-पिता के क्रोमोसोम्स में जो जेनेटिक तत्व होते हैं, वे वंशानुगत होते हैं और इनका प्रभाव बच्चे की शारीरिक रचना पर पड़ता है।

प्रश्न : परिवार नियोजन के लिए पुरुष और स्त्री में से किसका ऑपरेशन करना निरापद और उपयोगी होता है ?

उत्तर : पुरुष का ऑपरेशन निरापद भी होता है और स्त्री के ऑपरेशन के मुकाबले में आसान भी, क्योंकि पुरुष की शुक्राणुवाहिनी नलिकाएँ जो कि स्क्रोट्रम यानी अंडकोष में होती हैं, बहुत ऊपरी भाग में होती हैं अतः उस अंग को सुन्न कर के जरा सी देर में नलिकाओं को काटकर अवरुद्ध कर दिया जाता है। पुरुष चाहे तो मजे से अखबार पढ़ता रहे और ऑपरेशन होता रहे। स्त्रियों के मामले में दूसरी बात है, उनकी नलिकाएँ पेट के अंदर होती हैं, जिन्हें अवरुद्ध करने या काटने के लिए पेट को खोलना पड़ता है। यह मेजर ऑपरेशन होता है, इसमें किसी भी प्रकार के इंफेक्‍शन होने के चांस ज्यादा रहते हैं, इसलिए पुरुष का ऑपरेशन कराना ज्यादा आसान होता है, इससे उसके पौरुषबल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न : महिला का गर्भाशय ऑपरेशन से निकाल देना कब जरूरी होता है, क्या इसका कोई दुष्परिणाम भी होता है ?

उत्तर : यदि गर्भाशय में कोई ऐसी बीमारी हो जाए जो बिना ऑपरेशन के ठीक न हो, कोई गाँठ हो जाए, जो दवा से ठीक न हो, जाँच रिपोर्ट में कैंसर होने के लक्षण पाए जाएँ, किसी कारण से रक्तस्राव होता हो और बंद न होता हो तो ऑपरेशन करना जरूरी हो जाता है। डॉक्टर की कोशिश यही रहती है कि ऑपरेशन की नौबत ही न आए पर आ ही जाए तो इसके अलावा कोई चारा नहीं रहता है।

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