भेजा फ्राई हो जाए तो फिकर नॉट... अपने ब्रेन को आराम दीजिए और नकली दिमाग से काम लीजिए! शायद ये आ असली दिमाग से ज्यादा स्मार्ट हो। साइंटिस्टों का तो यही दावा है। स्विस साइंटिस्टों की एक टीम आर्टिफिशल माइंड बनाने में जुटी है और उनका दावा है कि अगले आठ साल में यानी 2018 तक वे नकली दिमाग तैयार कर लेंगे। इस टीम के लीडर प्रोफेसर हेनरी मारक्रम का दावा है कि यह दुनिया का पहला नकली इंटेलिजेंट और एक्टिव माइंड होगा। ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसे सोने, कॉपर और सिलिकन से बनाया जा रहा है।
लॉन स्थित इकोल पॉलिटेक्नीक के ब्रेन माइंड इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर मारक्रम के मुताबिक, नकली दिमाग के जरिए पागलपन पर फतह हासिल की जा सकेगी, इंसानी समझ और सीखने की ताकत को बढ़ाया जा सकेगा। मारक्रम का यह ब्लू ब्रेन दिमाग की कंप्यूटराइज्ड कॉपी तैयार करेगा। इसकी शुरुआत चूहे के दिमाग से की जा रही है और धीरे-धीरे इंसानी दिमाग की कॉपी कर नकली दिमाग तैयार होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि कंप्यूटर के जरिए तैयार किया गया यह दिमाग सोच सकेगा, तर्क कर सकेगा, अपनी इच्छा जाहिर कर सकेगा। और तो और, प्यार, गुस्सा, दर्द, दुख और खुशी जैसी भावनाओं को महसूस भी कर सकेगा। मारक्रम कहते हैं कि 2018 तक हमें इसे तैयार करने में कामयाबी मिल जाएगी। इसके लिए बहुत पैसे की जरूरत होगी, जो हमें अभी से मिलने लगा है। दुनिया के कई साइंटिस्ट अपने रिसोर्स लेकर मेरे साथ इस काम में जुट गए हैं।
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