About Me

दरिया व पहाड़ो की मस्ती मुझे विरासत में मिली है। गंगा किनारे बसे शहर बनारस के पास मिर्ज़ापुर ज़िले के एक गावं बरेवां से पुरखों ने इस सफ़र की शुरूआत की। जो बहते बहते पहुंच गए सोन नदी के किनारे बसे राबर्ट्सगंज में । फिर वो वहीं के होकर रह गए। लेकिन मैंने रूकना कभी सीखा नहीं। बहते रहना- मेरी फितरत है, फक़ीरों की तरह। गंगा सागर में मिलने से बेहतर युमना किनारे बसे शहर दिल्ली में धुनी रमाना बेहतर समझा। जीने के लिए कलम का सहारा लिया। ज़माने को बदलना है- इस जज़्बे के साथ जूते घिस घिस कर अख़बारों और पत्र पत्रिकाओं में कलम घिसने की ठानी । ज़माना बदला हो या नहीं- ये पता नहीं। लेकिन इन दो साल में मैं ज़रूर बदल गया हूँ । बदलाव की शुरूआत हुई - अख़बारों की दुनिया में कदम रखने से । इस पत्रकारिता की दुनिया ने बार बार हाथ झटक दिया। लेकिन अब मैं थोड़ा डीठ हो चुका हूं। ख़ाल मोटी होने लगी है । पत्रकारिता और मेरे बीच मियां - बीवी जैसा रिश्ता क़ायम होने लगा है । कोशिश कर रहा हूं नाग नागिन के इस दौर में सार्थक पत्रकारिता करने की। कौन कहता है कि आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। बस हव्शाला बुलंद होने की देरी है

Wednesday, December 21, 2011

तनहाई मिटाऐगा अब मानव रोबोट


क्या आप तन्हा हैं कोई आप का साथ नहीं देता आप को एक जीवन साथी की जरूरत है जो आप का ख्याल रखे यदि आपके उपरोक्तो आवश्‍यक्‍ता को कोई मानव समुदाय पुरा नहीं करता तो इसको पूरा करेगा आधुनिक मशीन यानी मानव रोबोट जो आपका दोस्तई, प्रेमी, पति, रिश्ते दार बनेगा जी हां एक जर्मनी डिजायनर स्टेफन अल्रिक ने ऐसा मानव रोबोट बनाया है जो इंसान के प्रतिक्रिया व स्पार्स के आधार पर अपने आप को संचालित करता है यह रोबोट मनुष्यो का ढांचा मात्र है जो दिखने बिलकुल सुन्दपर नहीं है क्यों कि ये वर्तमान समय में निर्माण की प्रारंभिक अवस्था् से गुजर रहा है हलांकि यदि इसके आकार की बात करें तो यह एक बडे तकीए के जैसा है. परंतु इसको विकसित करने वाले डिजायनर का दावा है कि जब यह तकनीक पूर्ण रूप से विकसित हो जाएगी तो उसके बाद रोबोट के शारीरिक ढांचे को सुधारने का काम किया जाएगा.l
आधुनिकता की दौर में इंसान तकनीकी चीजों से घिरता जा रहा है और वह उसी में अपने जीवन के रंगों को तलाशने के साथ्‍ ही उससे प्रेम करने ल्रगा है यही कारण है कि यह मानव रोबोट इंसान के काम आयेगा और उसके जीवन की कमियों व अकेलेपन को दूर करने का एक आसान तकनीकी माध्यमम बनेगा और इस बेरहम दुनिया में इंसान कोई अपना होगा जो धोखा नहीं देगा इस रोबोट की सबसे बडी खास बात यह है कि ये इंसान के शरीर की गर्मी, स्पर्श और चमडी के रंग को भाँप कर उस हिसाब से प्रतिक्रिया देगा l
इस अजूबे रोबोट का करना हो अभी बस इंतजार ……………….