सुखद वैवाहिक जीवन यानी पति-पत्नी का मजबूत रिश्ता, इस रिश्ते में दो ऐसे लोगों अपना जीवन एक साथ आपसी समझ के साथ ख़ुशी-ख़ुशी बिता देते है जिनके परवरिश एवं सोच में काफी अन्तर होता है।
बदलते परिवेश के साथ-साथ इस पति पत्नी के रिश्तें में भी बदलाव आने लगा है, प्राय: देखा जाने लगा है कि पति पत्नी के बीच किसी आदत एवं विचारों का मेल न खाने पर एक-दूसरे से नाराज़गी रखना या बात न करना आम बात हो गयी है जिस कारण बनती है दूरियां और टूटते है रिश्तें।
आईये जानते है वर्तमान परिवेश में कैसे बनायें अपने वैवाहिक जीवन को सूखद
अपने साथी को दें स्पेस: सबका अपना एक स्पेस होता है और वो ज़रूरी भी होता है यदि पति-पत्नी एक साथ रहने के बाद कुछ समय अपने ‘मी टाइम’ का आनंद लेना चाहते हैं तो एक-दूसरे को स्पेस दें रिश्ते में ताज़गी बनी रहती है।
रोक-टोक से बचें: अगर आप चाहते हैं कि रोक-टोक की आदतों से आपके बीच तनाव न आए तो एक-दूसरे की पसंद का सम्मान करें और अपनी पसंद को साथी पर न थोपें एक-दूसरे की पसंद को सराहें। यदि आप साथी को सलाह देना भी चाहें तो उसका तरीक़ा सहज और विनम्र रखें।
अपने साथी की बुराई किसी से ना करें:-यदि आपको अपने साथी की कोई बात अच्छी नहीं लगती तो उन्हें इस बारे में खुलकर बताएं तथा प्रेम से समझाएं, न कि दूसरों से बोलें, सीधे तौर पर बात करने से आपके बीच झिझक नहीं रहेगी और आपका खुलकर बात करना आपके साथी को भी पसंद आएगा,अपने साथी से झूठ बोलने या फिर बातें छुपाने की आदत से बचें ये आदत रिश्ते को कमज़ोर करती है।
अपने साथी को बनायें दोस्त :- जो दंपती आपस में मित्रवत व्यवहार रखते हैं उनका शादीशुदा जीवन बहुत सरल हो जाता है यदि आप किसी बात से परेशान हैं, तो उसे अपने साथी के साथ साझा करें।
ताना मारने से करें तौबा:- कभी भी अपने साथी को ताना न मारें जैसे तुम्हारे बस की बात नहीं हैं तुम नहीं समझ सकते/सकती हो,जाओं अपना काम करों,अपने काम से मतलब रखो,तुम्हें पा कर हमारा जीवन खराब हो गया इस तरह के शब्द सुन कर सामने वाले के मन में चुभतें हैं जिससे अगले का हौसला कमजोर हो जाता है इसके अलावां यदि आप के साथी में कोई कमी है जैसे वो किसी कार्य में समय लगाता है,उन्हें खाना पकाना नहीं आता,कब क्या बोलना है इसका आंकलन करने में सक्षम नहीं हैं तो ऐसे में ताने मारने की अपेक्षा उनके साथ उनकी मदद करेंगे तो उन्हें ज़्यादा ख़ुशी होगी और उनका हौसला भी बढ़ेगा।
गलतियों को नजरअंदाज करें:-गलती चाहें कितनी भी बड़ी क्यों न हो? कठिन परिस्थिति में भी आप अपने साथी को दोष न देकर उसके साथ खड़े हों यह परिकल्पना करें कि यदि वो गलती आप से हुई होती तो आप क्या करते इस आधार पर अपने साथी की गलती को माफ करके उसे सुधारने की पहल कर अपने शादी शुदा जीवन को सफल बनायें।
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