About Me

दरिया व पहाड़ो की मस्ती मुझे विरासत में मिली है। गंगा किनारे बसे शहर बनारस के पास मिर्ज़ापुर ज़िले के एक गावं बरेवां से पुरखों ने इस सफ़र की शुरूआत की। जो बहते बहते पहुंच गए सोन नदी के किनारे बसे राबर्ट्सगंज में । फिर वो वहीं के होकर रह गए। लेकिन मैंने रूकना कभी सीखा नहीं। बहते रहना- मेरी फितरत है, फक़ीरों की तरह। गंगा सागर में मिलने से बेहतर युमना किनारे बसे शहर दिल्ली में धुनी रमाना बेहतर समझा। जीने के लिए कलम का सहारा लिया। ज़माने को बदलना है- इस जज़्बे के साथ जूते घिस घिस कर अख़बारों और पत्र पत्रिकाओं में कलम घिसने की ठानी । ज़माना बदला हो या नहीं- ये पता नहीं। लेकिन इन दो साल में मैं ज़रूर बदल गया हूँ । बदलाव की शुरूआत हुई - अख़बारों की दुनिया में कदम रखने से । इस पत्रकारिता की दुनिया ने बार बार हाथ झटक दिया। लेकिन अब मैं थोड़ा डीठ हो चुका हूं। ख़ाल मोटी होने लगी है । पत्रकारिता और मेरे बीच मियां - बीवी जैसा रिश्ता क़ायम होने लगा है । कोशिश कर रहा हूं नाग नागिन के इस दौर में सार्थक पत्रकारिता करने की। कौन कहता है कि आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। बस हव्शाला बुलंद होने की देरी है

Wednesday, February 17, 2010

क्या कंप्यूटर की सुस्ती से परेशान हैं





क्या आपका कंप्यूटर बार-बार हैंग हो जाता है? क्या आपका कंप्यूटर बहुत स्लो है और कमांड देने के बाद हमेशा इंतजार करना पड़ता है? कहीं एसा तो नहीं की आपके कंप्यूटर में वायरसों की पूरी कॉलोनी बस गई है ? ऐसी ही तमाम आशंकाएं हर कंप्यूटर यूजर के दिमाग में चलती रहती हैं । आइये जानें कंप्यूटर की स्पीड बढ़ाने के तरीके:

जेसा की हम जानते हैं कंप्यूटर बिना ऑर्डर के न तो काम शुरू करता है और न ही बंद होता है। किसी भी विंडो को क्लोज करने से पहले भी यह यूजर की सहमति मांगता है- 'डू यू वॉन्ट टु सेव द चेंजेज'। यूजर के पास तीन ऑप्शन होते हैं- यस, नो और कैंसल। इनमें से किसी एक ऑप्शन पर क्लिक करते ही आप उम्मीद कर सकते हैं कि यह मशीन आपके कमांड के अनुसार फौरन ऐक्शन शुरू कर देता है । अगर कंप्यूटर ने आपके आदेश को मानने में चंद सेकंड की देरी की तो मान लें कि आपकी इस स्पीड मशीन का सिस्टम स्लो है। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो कंप्यूटर का यह मर्ज 'हैंग' के रूप में दिखने लगेगा।

कब मानें कंप्यूटर है स्लो?

एक्सपर्ट नलिन गौड़ का मानना है कि सिस्टम को स्लो या फास्ट कहने का कोई मानक तय नहीं है। नीचे लिखी सूरतों में आप मान सकते हैं कि आप का पीसी स्लो है:
  • जब कंप्यूटर ऑन करते हैं तो उसके शुरू होने में एक मिनट से ज्यादा वक्त लगे।
  • ऐप्लिकेशन के यूज के दौरान डायलॉग बॉक्स के स्क्रीन पर दिखने में 15 सेकंड से ज्यादा समय लगे

  • कमांड देने के बाद विंडो 10 सेकंड तक ओपन न हो।


स्लो होने की खास वजहें:

1. RAM की कपैसिटी कम होने और ऐप्लिकेशन का बोझ बढ़ने से

2. सिस्टम वायरस की चपेट में आने से

3. नकली या फिर बिना लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर का यूज करने से

4. नए ऐप्लिकेशन और सीपीयू की स्पीड में तालमेल नहीं होने से

5. एक साथ कई ऐप्लिकेशंस पर काम करने से

6. गेम्स और साउंड व हेवी पिक्चर वाले स्क्रीनसेवर भी कंप्यूटर की स्पीड को कम कर देते हैं

मेमरी में है दम तो प्रॉब्लम होगी कम

माइक्रोटेक सिस्टम के डायरेक्टर एस. सी. जैन के अनुसार ज्यादातर RAM की कपैसिटी कम होने और वर्क लोड लगातार बढ़ने की वजह से कंप्यूटर की स्पीड कम हो जाती है। इसलिए यूज के हिसाब से RAM की कपैसिटी बढ़ानी चाहिए। दरअसल क्वॉर्क, फोटोशॉप, विडियो प्लेयर जैसे कई ऐप्लिकेशन स्पेस के भूखे होते हैं। इन पर काम करने के साथ ही मेमरी में स्पेस कम होता जाता है। इस दौरान जब कई सॉफ्टवेयर पर एक साथ काम किया जाता है, तब कंप्यूटर के हैंग और स्लो होने का खतरा बढ़ जाता है। 2 जीबी की RAM, 3 मेगाहर्ट्ज की स्पीड में चलने वाला सीपीयू और 160 से 320 जीबी तक की हार्ड डिस्क से लैस कंप्यूटर में स्लो या हैंग होने की दिक्कत कम आती है।

कैसे जानें यूजर स्पेस का हाल

जब हम एक साथ कई ऐप्लिकेशंस को ऑपरेट करते हैं तो मेमरी स्पेस कम हो जाता है। इसलिए जब कंप्यूटर स्लो होने लगे तो चेक करें कि कौन सा ऐप्लिकेशन प्रॉसेसर को रोक रहा है या कितने स्पेस का यूज हो रहा है। चेक करने का तरीका आसान है:

स्टेप1 - CRTL ALT DEL करें, एक नई विंडो स्क्रीन सामने आएगी। इसमें टास्क मैनेजर पर क्लिक करें।

स्टेप 2 - फिर उसमें 'प्रॉसेसेज' का बटन क्लिक करें।

स्टेप 3- स्क्रीन पर एक लिस्ट दिखेगी, अब मेम. यूसेज पर क्लिक करें। फाइलें अरेंज हो जाएंगी। अब फाइल्स और ऐप्लिकेशन की साइज के मुताबिक अपनी फौरी प्राथमिकता तय करें यानी यह तय करें कि फिलहाल किस ऐप्लिकेशन को बंद किया जा सकता है और किसे नहीं।

स्टेप 4 - फिर उस ऐप्लिकेशन को बंद करें, कंप्यूटर की स्पीड बढ़ जाएगी।

स्लो कंप्यूटर से बचना हो तो-

1. आपके कंप्यूटर की सी ड्राइव में कम-से-कम 300 से 500 एमबी फ्री स्पेस हो। इसे देखने के लिए माई कंप्यूटर पर क्लिक करें, उसमें सी ड्राइव जहां लिखा है, उसके सामने स्पेस की जानकारी मिल जाती है।

2. अगर सी ड्राइव में स्पेस फुल हो तो वहां पड़ी बेकार की फाइलें और प्रोग्राम्स को डिलीट कर दें।

3. अगर सी ड्राइव की मेमरी में 256 एमबी से कम स्पेस बचा है तो गेम्स न खेलें।

4. हार्ड ड्राइव को अरेंज करने के लिए महीने में एक बार डिस्क फ्रेगमेंटर जरूर चलाएं। यह आपकी हार्ड डिस्क में सेव की गई अव्यवस्थित फाइलों और फोल्डरों को अल्फाबेट के हिसाब से दोबारा अरेंज करता है।

कैसे चलाएं डिस्क फ्रेगमेंटर

Start /Programmes / Accessories / System tool / Disk fragmenter पर क्लिक करने के बाद विंडो स्क्रीन पर आएगा। फिर उसमें Defragment ऑप्शन पर क्लिक करें। डिस्क क्लीनर के ऑप्शन पर क्लिक करते ही टेंपररी और करप्ट फाइलें इरेज हो जाती हैं।

5. अगर एक सिस्टम में दो विडियो ड्राइवर (मसलन, विंडो मीडिया प्लेयर और वीएलसी प्लेयर) हैं तो बारी-बारी उनका यूज करें, दोनों को एक साथ बिल्कुल न चलाएं।

6. किसी नए विंडो सॉफ्टवेयर को रीलोड करने से पहले उसके पुराने वर्जन को डिलीट करें।

7. इंटरनेट से ऐंटि-वायरस और प्रोग्राम डाउनलोड करने से परहेज करें, डुप्लिकेट ऐंटि-वायरस प्रोग्राम्स को करप्ट (खत्म) कर सकता है।

8. पुराने सॉफ्टवेयर पर नए प्रोग्राम्स को रन न करें।

9. नए प्रोग्राम के हिसाब से सॉफ्टवेयर लोड कर अपने सिस्टम को अपडेट करें।

10. जब एक साथ तीन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम चल रहे हों तो इंटरनेट को यूज न करें।

11. जब सिस्टम स्लो होने लगे तो लगातार कमांड न दें वरना कंप्यूटर हैंग हो सकता है।

12. पेन ड्राइव यूज करते समय ध्यान रखें कि वह कहीं अपने साथ वायरस तो आपके कंप्यूटर से शेयर नहीं कर रहा है। पेन ड्राइव को सिस्टम से अटैच करने के बाद ओपन करने से पहले स्कैन करें। अगर आपके सिस्टम में इफेक्टिव ऐंटि-वायरस नहीं है, तो पेन ड्राइव को फॉर्मेट भी किया जा सकता है। फॉर्मेट करना बेहद आसान है। पेन ड्राइव का आइकन कंप्यूटर पर आते ही उस पर राइट क्लिक करें। फॉर्मेट का ऑप्शन आ जाता है। मगर ध्यान रखें कि फॉर्मेट करने पर पेन ड्राइव का पूरा डेटा डिलीट हो जाता है।

13. बीच-बीच में सिस्टम से टेंपररी इंटरनेट फाइल्स को भी डिलीट करना जरूरी है। इसके लिए ब्राउजर ( इंटरनेट एक्सप्लोरर या मोजिला) ओपन करते ही ऊपर की तरफ टूल्स का ऑप्शन लिखकर आता है। उस पर क्लिक कर इंटरनेट ऑप्शन को चुन लें। ऐसा करते ही एक नया विंडो खुलेगा, जिसमें एक ऑप्शन ब्राउजिंग हिस्ट्री और कुकीज को डिलीट करने का भी होगा। इस पर क्लिक करते ही टेंपरेरी फाइल्स डिलीट हो जाती हैं।

बायोस चेक करें

कंप्यूटर कारोबारी और सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल त्यागी के मुताबिक आपके सिस्टम में कौन-कौन से सॉफ्टवेयर हैं और उनका कॉनफिगरेशन क्या है, इस बारे में जानकारी के लिए बायोस चेक करें। कंप्यूटर ऑन करने के बाद और विंडो के अपलोड होने से पहले जब स्क्रीन ग्रे शेड की होती है और एक कर्सर ब्लिंक कर रहा होता है, उस समय F2 कमांड दें। सिस्टम का सारा कन्फीगरेशन आपके सामने होगा। अगर किसी सॉफ्टवेयर में एरर है, तो कंप्यूटर इस बारे में भी बताएगा।

वायरस को बाहर निकालो!

जेटकिंग से जुड़े एक्सपर्ट संजय भारती के मुताबिक वायरस चेक करने के लिए कंप्यूटर स्कैन करें। हालांकि कंप्यूटर में ऐक्टिव वायरस होने पर वंर्किंग के दौरान ही दिक्कतें आने लगती हैं। वायरस का नाम भी स्क्रीन पर कोने में आने वाले पॉप अप विंडो के जरिए आने लगता है। इसके अलावा वायरस होने पर तमाम फाइल और फोल्डर्स के डुप्लिकेट बनने लगते हैं। कई फोल्डर्स में ऑटो रन की फाइल अपने आप बन जाती है। बिना कमांड के अनवॉन्टेड फाइलें खुलने और बनने लगेंगी। जब कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट हो और लगातार ऐंटि-वायरस लोड करने की गुजारिश की जा रही हो तब मान लीजिए कि वायरस अटैक हो चुका है।

- सिस्टम से वायरस को हटाने के लिए ओरिजिनल ऐंटि-वायरस लोड करें, यह पूरे कंप्यूटर में वायरस को ढूंढकर खत्म करेगा।

इंटरनेट से फ्री में डाउनलोड होने वाले ऐंटि-वायरस की वैलिडिटी तय होती है। कई बार सिर्फ ट्रायल वर्जन ही मिलता है, इसलिए इंटरनेट से ऐंटि-वायरस उधार न लें तो बेहतर है।

अगर हार्डवेयर में प्रॉब्लम हो तो जिस कंपनी का प्रॉडक्ट हैं, वहां संपर्क करें। कई कंपनियां सिस्टम और पार्ट्स की गारंटी या वॉरंटी देती हैं, इस फैसिलिटी का उपयोग करें। एक्सपर्ट कंपनी के पार्ट्स को विश्वसनीय मानते हैं हालांकि नेहरू प्लेस, वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया या लोकल मार्केट से सिस्टम को दुरुस्त कराने में जेब कम हल्की होगी।

4 comments:

  1. अच्छी पोस्ट है

    अगर पोस्ट का मैटर कही से कॉपी किया जाए तो लिंक जरूर देना चाहिए

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  2. कृपया पोस्ट का फ़ॉन्ट बड़ा करें और रंग गहरा करें. अभी पोस्ट पठनीय नहीं है. आपका विचार अच्च्छा प्रतीत होता है.

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  3. हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!

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